तुला दान कब करना चाहिए? (सम्पूर्ण जानकारी)

हम सभी अपने जीवन में अनेक प्रकार के प्रयत्न करते रहते हैं जिससे हमें हमारे कष्टों से छुटकारा मिल सके। इन्हीं प्रयत्नों में से एक होता है तुलादान। तुलादान पहले के समय में बहुत ज्यादा मात्रा में होता था पर अब यह कम ही किया जाता है।

तुलादान का अर्थ है कि व्यक्ति अपने वजन के बराबर की वस्तु जैसे अनाज या फिर और भी दूसरी वस्तु है जो अपनी स्वेच्छा से देना चाहता है बेशक दान दे सकता है। पहले के समय में अनाज या फिर अन्य वस्तुओं के बचाए सोने-चांदी रखे जाते थे पर आज यह सब संभव नहीं है।

आज मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाला हूं कि हमें तुला दान कब करना चाहिए साथ ही साथ इसको करने के क्या फायदे हैं और इसे क्यों किया जाता है इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

तुला दान कब करना चाहिए?

सामान्य तौर पर तुला दान करने की सबसे बड़ी वजह होती है जब किसी भी व्यक्ति के जीवन में मारक मार्केश की दशा चल रही हो। दोस्तों मारक मार्केश ऐसा समय है जब अगर व्यक्ति का अगर आयु खंड पूर्ण हो गया हो तो उसे मृत्यु प्राप्त होती है और अगर ना हुआ हो तो उसे मृत्यु तुल्य कष्ट प्राप्त होता है।

ज्योतिषी कई बार व्यक्तियों को मृत्यु तुल्य कष्ट से बचाने के लिए उन्हें तुला दान करने की सलाह देते हैं जो कि बिल्कुल आवश्यक भी है ऐसा करने से आपके दुख दर्द कम हो जाते हैं।

अगर किसी व्यक्ति के घर में निरंतर कोई ना कोई व्यक्ति बीमार रहता है या उसके घर से बीमारी कभी दूर जाती ही नहीं तब भी ज्योतिषियों द्वारा तुला दान करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से सभी लोग सुरक्षित हो जाते हैं।

तुलादान आपको शुक्ल पक्ष के किसी भी रविवार को करना चाहिए। यह एक अत्यंत श्रेष्ठ समय है जिस दिन आप ऐसा कर सकते हैं लेकिन निश्चित तौर पर इसे करने से पहले ज्योतिषी परामर्श अवश्य ले लें।

तुला दान करने का आसान तरीका

तुला दान की एक बड़ी ही सरल विधि है। पहले के समय में तराजू कि एक तरफ वह व्यक्ति बैठते थे जिनको तुला दान करना होता था वहीं दूसरी तरफ अन्य या फिर हीरे, मोती और जवाहरात रखे जाते थे परब का समय बिल्कुल ऐसा नहीं है।

अब हमें किसी जानकार पंडित को बुलवाकर जितना भी हमारा वजन है उतने ही वजन का अन्य तौल कर ब्राह्मणों को दान दे देना चाहिए और मन से संकल्प करना चाहिए कि मैं यह दान अपनी सुरक्षा से दे रहा हूं और प्रभु से यह अनुग्रह करें कि वह आपके सभी कष्ट दूर करें।

तुला दान करने का दूसरा सबसे सरल तरीका यह है कि आपका जितना भी वजन है आप उतने ही वजन का हरा चारा तौल लीजिए और जाकर कहीं पास की गौशाला में दान कर दीजिए जिससे आपके कर्म तो अच्छे होंगे ही साथ ही साथ आपके जीवन में चल रही समस्याओं का निवारण भी हो सकेगा।

आपको एक बात का अवश्य ध्यान रखना है कि तुला दान करते समय मन में कभी भी बुरी भावना ना हो। आप लालची होकर दान न करें कि अगर आप एक बार दान कर देंगे तो आपके जीवन में बहुत सारे बदलाव आ जाएंगे। आपको या दान सच्चे मन और सच्चे भाव से करना है जिससे निश्चित तौर पर आपका जीवन सुखद हो जाएगा।