आग्नेय कोण वास्तु दोष निवारण | आग्नेय कोण में शौचालय और बेडरूम के उपाय

घर का निर्माण करते समय अक्सर लोग वास्तु शास्त्र का ध्यान नहीं देते जिससे कई वास्तु दोष उत्पन्न हो जाते हैं. जैसे अग्नि तत्व की दिशा में कोई भी जल तत्व की चीज बना देना बहुत बड़ा वास्तु दोष  बनाती है.

इससे बहुत बड़े बड़े नुकसान हो जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता. आज मैं आपको आग्नेय कोण  में बनने वाले वास्तु दोष और उनके निवारण के बारे में बनाने वाला हूं. तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें.

आग्नेय कोण क्या है?

बहुत लोगों को ये नहीं पता होता है कि आग्नेय कोण क्या है. इसलिए मैं आज आपको बता दूं कि आग्नेय कोण दक्षिण पूर्व के मध्य में बनने वाला कोण है. इस कोण को अग्नि तत्व का कोण कहा जाता है. इस कोण के स्वामी होते हैं दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य और मंगल.

इस दिशा में हमें अक्सर अग्नि तत्व से संबंधित वस्तुएं ही रखनी चाहिए. हमें इसी दिशा में किचन या रसोईघर बनाना चाहिए. क्योंकि किचन वह स्थान है जहां पर हम गैस या स्टोव की मदद से अपना भोजन पकाते हैं.

यह अग्नि तत्व की वस्तुएं हो गई और यहां पर भोजन बनता है जिसके कारक होते हैं शुक्राचार्य. इसीलिए वास्तुशास्त्र में आग्नेय कोण में किचन बनाने का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है.

आग्नेय कोण के दोष मुक्त होने के फायदे

अगर आपका आग्नेय कोण वास्तु दोषों से मुक्त है तो आपको नीचे दिए गए निम्न प्रकार के फायदे होंगे.

  1. आग्नेय कोण के मजबूत होने से घर में धन की कभी भी कमी नहीं होती. घर के सदस्यों को  निरंतर धन लाभ होता रहता है.
  2. आग्नेय कोण के सही होने से घर के सदस्यों को मान सम्मान और यश प्राप्त होता है. वे सभी प्रकार के सुखों का भोग करते हैं क्योंकि ऐश्वर्य के दाता है शुक्राचार्य और अगर हम उन की दिशा को मजबूत रखेंगे तो वह अपनी दया दृष्टि हमारे घर परिवार  पर निरंतर बनाए रखेंगे.
  3. आग्नेय कोण के स्वस्थ और सही होने से घर से बीमारियां दूर रहती हैं.
  4. घर के सदस्यों का धन बेमतलब में खर्च नहीं होता है और घर के सदस्यों के मध्य कल में भी नहीं होती.

आग्नेय कोण में क्या क्या वास्तु दोष हो सकते हैं

1. आग्नेय कोण में बोर या पानी की टंकी

आग्नेय कोण में किसी भी प्रकार का जल का स्रोत जैसे बोर, पानी की टंकी , नल या और कोई भी स्रोत होने से आग्नेय कोण को वास्तु दोष लगता है. क्योंकि आग्नेय और जल कभी भी एक साथ नहीं रह सकते. जहां जल होगा वहां अग्नि नहीं होगी और जहां अग्नि होगी वहां चल नहीं हो सकता.

लेकिन हम अगर आग्नेय कोण में जल का स्रोत बना देते हैं तो इससे अग्नि को हानि होती है इस कारण घर में कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं. परिवार के सदस्यों को निरंतर भिन्न भिन्न प्रकार के रोगों से जूझना पड़ता है. दिल से जुड़े हुए रोग बढ़ सकते हैं या फिर मधुमेह जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

आग्नेय कोण के खराब होने से शरीर में अग्नि तत्व आकस्मिक बढ़ता घटता रहता है. जिससे घर के सदस्यों के मत एक दूसरे से नहीं मिल पाते. और घर में क्लेश होते रहते हैं. इससे ब्लड प्रेशर की बीमारियां बढ़ती हैं. घर के सदस्य मानसिक रूप से घबराए हुए या बीमार हो जाते हैं. उन्हें डिप्रेशन की बीमारी भी हो सकती है.

2. आग्नेय कोण में शौचालय या बाथरूम

आग्नेय कोण को लक्ष्मी का घर कहा जाता है. लक्ष्मी साफ-सुथरे स्थान पर निवास करती हैं. इस कारण अगर हम आग्नेय कोण में बाथरूम बनवाते हैं तो वहां की सफाई नष्ट हो जाती है. बाथरूम एक जलीय तत्व है अगर हम इसे अग्नि के कोण में बनवाते हैं तो इससे बहुत बड़ा वास्तु दोष उत्पन्न होता है.

इस वास्तु दोष के परिणाम स्वरूप आपके घर में लक्ष्मी का निवास कभी भी नहीं हो पाएगा. आप अपने खून पसीने की कमाई कमाकर घर में लाओगे लेकिन वह कमाई आपके घर में कभी भी टिक नहीं पाएगी. वह अनायास खर्च हो जाया करेगी.

3. आग्नेय कोण में बेडरूम

आग्नेय के कोण में बेडरूम का बिल्कुल भी शुभ प्रभाव नहीं होता. पति पत्नी के रिश्ते में सर्वदा कलह होती रहती है . पति और पत्नी दोनों के मन मैं एक दूसरे के प्रति गुस्सा बढने लगता है.

यहां तक कि रिश्ता टूटने की नौबत भी आ सकती है क्योंकि अग्नि आक्रोश को दर्शाती है, और अगर अग्नि के स्थान पर हम बेडरूम बनाएंगे तो पति पत्नी के मन में आक्रोश बढ़ेगा.

इस कोण में बेडरूम होने से घर में कुमारी कन्याओं के विवाह में भी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं. घर का पूरा माहौल कलहपूर्ण हो जाता है.

4. आग्नेय कोण में मुख्य द्वार

वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण में मुख्य द्वार का होना बिल्कुल भी श्रेष्ठ नहीं होता क्योंकि दक्षिण दिशा यम की दिशा होती है इसलिए आप के मुख्य द्वार से यम के अंदर आने की संभावना बढ़ जाती है और आग्नेय कोण शुक्राचार्य का कोना है.

इसलिए आपका शुक्र भी कमजोर होने लगता है‌. इस दिशा में मुख्य द्वार होने से कई प्रकार के दोष उत्पन्न होते हैं  जैसे आपके यश और मान- सम्मान में कमी आने लगती है.

धन और ऐश्वर्य आपको आसानी से प्राप्त नहीं होता इस दिशा में मुख्य द्वार होने से सबसे बड़ा वास्तु दोष या लगता है कि आपके घर में अकाल मृत्यु बढ़ने लगती है. घर की वृद्धि रुक जाती है. कोई भी कार्य पूर्णतह् सफल नहीं हो पाता.

आग्नेय कोण में वास्तु दोष निवारण

अगर आपके घर में ऊपर दिए गए वास्तु दोष है तो आप वास्तु दोषों का निवारण कर छुटकारा पा सकते हैं.

1. आग्नेय कोण में बोर या पानी की टंकी उपाय

अगर आपके घर में आग्नेय कोण में  पानी की टंकी है तो आप उसे निश्चित तौर पर वहां से हटा दीजिए. और अगर बोर है तो  उस पानी के बोर को बंद करवा दीजिए या फिर वहां पर रोज सरसो के तेल का दीपक अग्नि देवता के सम्मान में कम से कम एक पहर यानी 3 घंटे तक जलाना चाहिए. ऐसा लगातार 40 दिन तक करने से आपको अत्यंत श्रेष्ठ फल प्राप्त होंगे.

2. आग्नेय कोण में शौचालय उपाय

आग्नेय कोण में शौचालय उपाय
आग्नेय कोण में शौचालय उपाय

अगर आपके घर के आग्नेय कोण में शौचालय है तो यह आपके लिए अच्छे संकेत नहीं है. इसलिए अगर आप उस बाथरूम का स्तेमाल करना कम के सकें तो यह आपके लिए उत्तम होगा.

पर अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो बाथरूम में लाल कलर का बल्ब लगाकर उसको जलाएं जिससे आपको वास्तु दोष से छुटकारा मिल सके. आग्नेय कोण को ठीक करने का एक उपाय है कि आप मंगल और शुक्र के यंत्रों को अपने घर में प्रतिष्ठित करें और इन ग्रहों के जाप करें .

3. आग्नेय कोण में बेडरूम उपाय

अगर आपके घर के आग्नेय कोण में बेडरूम है तो यह बहुत बड़ा वास्तु दोष बनता है. इस वास्तु दोष को ठीक करने के लिए आप अपने बेडरूम को पश्चिम की दिशा में शिफ्ट कर सकते हैं और आग्नेय कोण वाले कमरे को अतिथि का कमरा या गेस्ट रूम बना सकते हैं.

आग्नेय कोण में बेडरूम उपाय
आग्नेय कोण में बेडरूम उपाय

अगर आप दांपत्य जीवन की समस्याओं से जूझ रहे हैं तो आपको अपनी पत्नी का सम्मान करना चाहिए जिससे वास्तु दोष दूर हो सकता है क्योंकि आग्नेय कोण के स्वामी है शुक्राचार्य.

जो कि स्वयं दांपत्य जीवन के कारक है.इसलिए उनको ठीक करने के लिए आपको अपने जीवन संगिनी का सम्मान करना चाहिए, उनके साथ आदर का भाव रखना चाहिए.

इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर की स्त्रियों को किसी ब्राह्मण की पत्नी को साड़ी , चूड़ी और अन्य औरत के श्रृंगार की चीज़ों का दान करना चाहिए.

4. आग्नेय कोण में मुख्य द्वार उपाय

आग्नेय कोण में मुख्य द्वार होना एक बहुत बड़ा वास्तु दोष बनता है. इसलिए अगर संभव हो तो आपको अपना मुख्य द्वार किस दिशा से हटाकर उत्तर या पूर्व की दिशा में कर लेना चाहिए. अगर ऐसा करना संभव ना हो तो हमें अग्नि देव की खूब उपासना करनी चाहिए, जिससे वास्तु दोष का निवारण हो सके.

विघ्नहर्ता श्री गणेश की हमें मुख्य द्वार पर तस्वीर लगानी चाहिए इससे यम हमारे मुख्य द्वार से अंदर नहीं आ पाता. और हमें अकाल मृत्यु से राहत मिलती है.

आप प्रत्येक शुक्रवार को दही, चीनी, चावल और श्वेत वस्त्र दान कर सकते हैं और आप गौ माता को रोटी में घी लगाकर गुड के साथ खिला सकते हैं . ये सब करने से आपको वास्तु दोषों से छुटकारा मिलेगा.

दोस्तों आग्नेय कोण के वास्तु दोषों के निवारण के बारे में हमारी जानकारी आपको कैसी लगी यह हमें कमेंट करके अवश्य बताएं. अगर आपको ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे द्वारा दिए गए उपाय आपके किसी परिचित के उपयोग में आ सकते हैं तो आप उन्हें भी यह पोस्ट जरूर शेयर करें.