सप्तम भाव में शनि की दृष्टि (6 प्रभाव)

आमतौर पर हर व्यक्ति शनि ग्रह से डरता रहता है। जो लोग इनकी ताकत को नहीं समझ पाते वह इनसे बहुत घबराते हैं। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा कहा गया है कि शनि जिस भाव में बैठते हैं उस भाव की वृद्धि करते हैं लेकिन जहां दृष्टि डालते हैं उस भाव का सर्वनाश करते हैं।

इनकी दृष्टि जिस भाव पर पड़ती है वहां से संबंधित समस्याएं व्यक्ति के सामने आ सकती हैं इसलिए अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि अगर शनि सप्तम भाव पर दृष्टि डालें तो क्या होगा?

दोस्तों सप्तम भाव हमारे जीवन साथी, दांपत्य जीवन तथा व्यापार का होता है। इस भाव से व्यक्ति की प्रजनन शक्ति भी देखी जाती है इसलिए यह भाव अति महत्वपूर्ण भाव हो जाता है।

आज मैं इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताऊंगा कि सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि पड़े तो उसके क्या क्या परिणाम देखने में आ सकते हैं इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

सप्तम भाव में शनि की दृष्टि

सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि के अनेक प्रभाव पड़ते हैं। आज मैं एक एक करके उन सभी प्रभावों के बारे में आपको थोड़ी थोड़ी जानकारी देने की कोशिश करूंगा। सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि का फल इस प्रकार है।

1. सप्तम भाव को विवाह का घर माना जाता है और शनि एक ऐसे ग्रह है जो विलंब कराने के कारक हैं। अगर शनि की दृष्टि सप्तम भाव पर पड़ रही है तो व्यक्ति का विवाह देरी से हो सकता है। ऐसा नहीं है कि शनि विवाह नहीं कराएंगे लेकिन विवाह देरी से अवश्य होगा।

2. शनि की विच्छेद आत्मक दृष्टि अगर सप्तम भाव पर पड़ जाए तो कई बार वे पति-पत्नी को एक-दूसरे से दूर कर देते हैं। ऐसा नहीं है कि वह संबंध को पूरी तरीके से खत्म कर देते हैं लेकिन किसी ना किसी बहाने से वे दोनों के बीच दूरी पैदा कर देते हैं।

ऐसी परिस्थिति में कई बार ऐसा देखा जाता है कि पति या पत्नी को अपनी नौकरी के लिए एक दूसरे से दूर रहना पड़े। अगर ऐसा हो रहा है तो घबराने की आवश्यकता नहीं है।

3. अगर सप्तम भाव पर शनि या उनके मित्र जैसे शुक्र या बुध की राशि में पड़ती हो तो यहां पर शनि की दृष्टि व्यक्ति के व्यापार के लिए अच्छी कही जा सकती है लेकिन तब जब व्यक्ति शनि से संबंधित व्यापार करे।

अगर आपकी कुंडली में ऊपर लिखे गए नियम लागू हो रहे हैं तो आपको शनि से संबंधित व्यापार करने चाहिए ताकि आपको अनेक प्रकार के लाभ हो सके अन्यथा वही शनि आपके व्यापार को खराब करने की भी क्षमता रखते हैं।

4. अगर सप्तम भाव पर शनि की नीच दृष्टि पड़ रही है तो व्यक्ति का विवाह उससे बड़ी उम्र की महिला से भी हो सकता है। इसे दूसरे शब्दों में कहें तो आपका जीवन साथी आपकी उम्र से बड़ा हो सकता है।

दोस्तों शनि ग्रह बुढ़ापा और कमजोरी को दर्शाता है इसलिए ऐसा कहा गया है कि आपकी पत्नी उम्र में आप से बड़ी होगी। अगर यही पर शुभ ग्रह जैसे शुक्र गुरु की दृष्टि हो तो शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है।

5. अगर आपकी कुंडली में सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि के साथ-साथ और भी पाप ग्रह जैसे मंगल, राहु, केतु की दृष्टि हो तो आपके दांपत्य जीवन में अत्यधिक समस्याएं रह सकती हैं। अगर ऐसा नहीं है तो आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

6. सप्तम भाव आपके व्यापारिक साथी का भी होता है इसलिए अगर यहां पर शनि की मित्र दृष्टि या उच्च दृष्टि पड़ रही है तो आपको बिजनेस पार्टनर के साथ व्यापार करने से सर्वाधिक लाभ हो सकता है लेकिन अगर यही दृष्टि शत्रु या नीच है तो इसके परिणाम विपरीत भी हो सकते हैं।

अगर आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी तो इसे अपने परिचितों के साथ अवश्य साझा करें।