पारिजात का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए?

हमें पारिजात वृक्ष का पौधा घर पर लगाना चाहिए। इसके अनेक लाभ शास्त्रों में बताए गए हैं। लेकिन लोगों के मन में अक्सर यह सवाल रहता है कि पारिजात का पौधा किस दिशा में लगाएं?

पारिजात का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए? पारिजात का पौधा हमें घर की उत्तर या पूर्व दिशा की ओर लगाना चाहिए जिससे हमें इसके संपूर्ण फल प्राप्त हो सकें। इसको इन दिशा में लगाने से अनेक लाभ होते हैं।

पारिजात का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए

पारिजात वृक्ष के फूलों को माता लक्ष्मी के पूजन में उपयोग किया जाता है। इस पूजन में हमें मात्र उन्हीं फूलों का उपयोग करना चाहिए जो अपने से टूट कर गिरे हैं। शास्त्रों में पारिजात वृक्ष के फूलों को तोड़ना वर्जित है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

पारिजात एक ऐसा वृक्ष है जिस पर बीज नहीं लगते। इसको इंद्र के द्वारा श्राप प्राप्त है जिस कारण ऐसा होता है। नीचे पारिजात वृक्ष धरती पर कैसे आया कहानी में इसका पूर्ण तरीके से वर्णन किया गया है।

पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति की कहानी

पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। इसकी उत्पत्ति के बाद देवराज इंद्र इसे स्वर्ग लोक ले गए। वहां यह वृक्ष उर्वशी के लिए लगाया गया। इस वृक्ष को छूने मात्र से उर्वशी की सारी थकान मिट जाती थी। 

पारिजात वृक्ष धरती पर कैसे आया?

पारिजात वृक्ष के धरती पर आने की एक छोटी सी कहानी है। एक बार नारद मुनि पृथ्वी पर श्री कृष्ण से मिलने आए। उन्होंने भेंट के रूप में कृष्ण को पारिजात के पुष्प दिए। श्री कृष्ण ने उस पुष्प को बगल में बैठी पत्नी रुक्मणी के हाथ में दे दिया।

जब भगवान श्री कृष्ण की दूसरी पत्नी सत्यभामा को पता लगा कि उन्होंने सारे पुष्प रुक्मणी को ही दे दिए हैं तो उन्हें बहुत बुरा लगा और वे पारिजात का पुष्प लेने के लिए हठ करने लगी। तब श्री कृष्ण ने अपने एक दूध को इंद्रलोक से पारिजात का वृक्ष लाने के लिए भेजा।

दूत इंद्रलोक तो गए लेकिन वहां से पारिजात वृक्ष ना ला पाए क्योंकि इंद्र ने उन्हें देने से इनकार कर दिया। जब दूत ने आकर श्री कृष्ण को बताया तो वह क्रोधित हो गए और इंद्रलोक पर हमला कर दिया। उसके पश्चात श्री कृष्ण इंद्र को हराकर पारिजात वृक्ष धरती पर ले आए।

इंद्र से ऐसा देखा नहीं जा रहा था तो उन्होंने पारिजात वृक्ष को श्राप दे दिया कि अब से इस पौधे पर कभी भी फल नहीं लगेगा। श्री कृष्ण पृथ्वी पर लौटे और सत्यभामा की वाटिका में पारिजात वृक्ष को लगा दिया।

भगवान श्री कृष्ण सत्यभामा को उनके हठ के लिए एक सबक सिखाना चाहते थे। उन्होंने अपने लीला से कुछ ऐसा कर दिया कि पारिजात वृक्ष के फूल रात में उठते हैं और सुबह होते ही झड़ जाते हैं। दोस्तों यही थी पारिजात वृक्ष की पृथ्वी पर आने की कहानी।

पारिजात वृक्ष को घर पर लगाने के लाभ

1. पारिजात वृक्ष घर पर होने से घर में बनने वाले वास्तु दोष नष्ट हो जाते हैं। घर की नकारात्मकता समाप्त हो जाती है घर परिवार के सदस्य काफी उन्नति करते हैं।

2. पारिजात स्वर्ग का वृक्ष है। कई कथाओं में ऐसा वर्णन है कि पारिजात वृक्ष की खुशबू स्वर्ग लोक में चारों ओर फैली रहती है। अगर आप अपने घर के माहौल को स्वर्ग बनाना चाहते हैं तो आपको इस वृक्ष को अपने घर में अवश्य लगाना चाहिए।

3. जिस प्रकार पारिजात वृक्ष को छूने से उर्वशी की थकान दूर हो जाती थी उसी प्रकार यह वृक्ष आपकी थकान भी दूर कर सकता है।

4. दोस्तों पारिजात वृक्ष को धरती पर लाने की कहानी में हमने देखा था कि सत्यभामा को यह वृक्ष कितना प्रिय था कि उन्होंने इसे पाने की कृष्ण के सामने ज़िद कर दी। सत्यभामा माता लक्ष्मी का स्वरूप है अर्थात जिस किसी के घर में पारिजात वृक्ष होता है वहां मां लक्ष्मी प्रवेश करती हैं।

5. पारिजात वृक्ष की मधुर सुगंध आपकी थकान मिटा सकती है और आपको सभी प्रकार की चिंताओं से मुक्त कर सकती है।

6. घर परिवार के सदस्यों को रोगों से छुटकारा मिल सकता है। इस वृक्ष को घर पर लगाने से सदस्यों को मानसिक तनाव नहीं होता।

दोस्तो यह थी पारिजात वृक्ष के बारे में संपूर्ण जानकारी। आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके बताना ना भूलें। अगर आपके मन में कुछ सवाल हैं तो आप कमेंट के माध्यम से हम से पूछ सकते हैं।