मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए?

हिंदू सभ्यता में व्रत की बहुत अधिक मान्यता है। पूरी शिद्दत से किसी भी भगवान की पूजा और व्रत करना उनको प्रसन्न करने सबसे सही उपाय माना जाता है।

व्रत रखने से  व्रत रखने वाले की संपूर्ण इक्क्षायें पूर्ण होती हैं एवम सद्बुद्धि प्राप्त होती है। व्रत विवाहित या अविवाहित महिला या पुरुष दोनों कर सकते हैं।

कई वैज्ञानिकी खोज के अनुसार व्रत रखना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है। व्रत रखने से शरीर को अपने अंदर की जमी गंदगी की साफ सफाई का समय मिल जाता है। लेकिन अगर ये गंदगी साफ नहीं होती है  तो ये बाद में कई रोगों का रूप लेलेती है।

आज मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए और इससे संबंधित अन्य जानकारियों के बारे में जानकारी देने वाला हूं इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए?

मिथुन राशि के स्वामी बुद्ध होता है। इसीलिए ऐसे जातकों को गणेश चतुर्थी का का व्रत करना चाहिए जो की प्रति माह एकबार आता है। इस राशि के लोगों को बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा भी करनी चाहिए।

मिथुन राशि वाले लोग देवी दुर्गा की आराधना और व्रत कर सकते हैं। अगर ये लोग चाहें तो नवरात्रि के समय पूरे 9 दिनों का व्रत कर सकते हैं।

हर व्यक्ति को 9 दिनों का व्रत रखना अनिवार्य नहीं खसकरके किसी रोग से पीड़ित लोगों को, क्योंकि ऐसे लोगों के लिए 9 दिनों का व्रत रखना आसान बात नहीं होती है। किसी रोग से पीड़ित व्यक्ति अगर चाहें तो नवरात्रि में नवमी के दिन व्रत रख सकते हैं।

लेकिन अगर किसी को नवमी के दिन भी व्रत नहीं करना है तो उन पर कोई दबाव नहीं है। ऐसे लोग अगर देवी मां की सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ आराधना करें तो उनकी सभी मनोकामना पूरी हो जायेगी। 

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व्रत करने के फायदे

  1. अपने राशि या खराब ग्रहों के अनुसार व्रत रखने से मनोकामना की पूर्ति होती है और साथ ही साथ ग्रहों के बुरे प्रभावों से छुटकारा मिलता है।

कोई भी ग्रह खराब होने पर उससे सम्बन्धित ग्रह के स्वामी की पूजा या व्रत करने से ग्रहों के दुष्प्रभावों में कमी होती है।

  1. नवरात्रि में दुर्गा मां की पूजा और व्रत करने से भक्तों की सभी समस्याओं का समाधान मां दुर्गा कर देती हैं। ऐसा माना जाता है की दुर्गा मां का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  1. सच्चे मन से व्रत रखने से घर में सुख और समृद्धि आती है। किसी भी कार्य में मेहनत के अनुसार फल या कभी कभी उससे अधिक फल मिलता है।
  1. नवरात्रि का व्रत रखने से रखने वाले तथा उसके परिवार वालों को शारीरिक तथा मानसिक लाभ की प्राप्ति होती है।

मिथुन राशि के लोग कैसे होते हैं?

मिथुन राशि के लोग सामाजिक और बातूनी होते हैं। इस राशि के लोगों को लोगों के बीच रहना और उनसे बातचीत करना पसंद होता है। इनके साथ बात करने वाले लोग कभी भी इनसे या इनकी बातों से उबते नही हैं।

मिथुन राशि काल पुरुष की कुंडली में तीसरे राशि होती है और तीसरा भाव बातचीत, शौक और हमारे पराक्रम का होता है इसलिए मिथुन राशि के जातक अत्यंत पराक्रमी होते हैं।

ये लोग भावुक होते हैं, कोई इनके सामने अपना दुखड़ा रो दे तो ये उसकी मदद करने के लिए और उसके दुख में शामिल होने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

कई बार लोक शिकायत करते हैं कि मिथुन राशि वाले किसी भी बात को रहस्य नहीं रख पाते। ऐसा मैंने अपने ज्योतिषी अनुभव में भी समझा है इसलिए इनके साथ किसी भी प्रकार का रहस्य साझा करते समय एक बार सोच लें।

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मिथुन राशि वाले को कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?

मिथुन राशि वालों को सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से गणेश भगवान और दुर्गा माता की पूजा करनी चाहिए।

इनकी पूजा में आप गणेश स्तुति और दुर्गा कवच कर सकते हैं।

सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से भगवान की पूजा करने से मन अनुसार फल मिलता है। मिथुन राशि वालों को बुधवार के दिन गणेश स्तुति पढ़नी चाहिए और गणेश जी को दूब तथा पीला फूल चढ़ाना चाहिए।

दुर्गा कवच को प्रतिदिन सुबह पढ़ना चाहिए और दुर्गा मां का पसंदीदा लाल फूल चढ़ाना चाहिए। अगर आपके दांपत्य जीवन में समस्याएं आ रही हैं तो आपको दुर्गा माता का किलक स्त्रोत्र का पाठ करना चाहिए।

मिथुन राशि वालों को कौन सा व्यापार करना चाहिए?

हमारे शास्त्रों में बुध ग्रह को व्यापार का स्वामी माना गया है इसलिए मिथुन राशि के लोग, जिसका स्वामी बुध ग्रह है, व्यापार में निपुण होते हैं। इनके लिए कोई भी व्यापार करना असंभव नहीं होता। यह लोग अपनी रूचि के अनुसार किसी भी चीज का व्यापार कर सकते हैं।

अगर मिथुन राशि के लोग बैंकिंग के क्षेत्र में, प्रबंधन के कार्य, लेखन का कार्य, काउंसलर, मोटिवेशनल स्पीकर, मीडिया, कलाकार आदि क्षेत्रों का चयन करते हैं तो इन्हें अनेक प्रकार की ऊंचाइयों को पाते हुए देखा गया है।

हालांकि इनके भीतर किसी भी कार्य को बहुत जल्दी सीख लेने की क्षमता होती है इसलिए इनके लिए किसी भी क्षेत्र में कार्य करना संभव नहीं है।

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