बेडरूम का कलर कैसा होना चाहिए? (Vastu tips)

हमारे बेडरूम का कलर कैसा है इससे क्या फर्क पड़ता है? कई बार आपने लोगों को ऐसा कहते हुए सुना होगा और जिस को साबित करने के लिए वह अनेक प्रकार की दलीलें पेश करते हैं।

दोस्तों आप कितनी भी दलीलें पेश कर ले झूठ को सच साबित नहीं कर सकते और वहीं दूसरी ओर सच को साबित करने के लिए दलीलों की आवश्यकता नहीं होती।

बेडरूम का कलर हमारे जीवन में प्रभाव डालता है। भले ही हमारी मनोदशा या व्यवहार में उसका तात्कालिक प्रभाव ना दिखे लेकिन यह सचमुच में असरदार होता है।

अगर हमने घर के बेडरूम में वास्तु के अनुसार रंगों का उपयोग किया है तो हमें शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं और वही उसके विपरीत अशुभ परिणाम मिलते हैं।

कई वैज्ञानिक अध्ययनों में ऐसा पाया गया है कि मानव के शरीर की एंजाइम और हार्मोन की अलग-अलग रंगों के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाएं होती हैं। इसलिए हमें उन्हीं रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए जो हमारे भीतर सकारात्मकता भर दें।

बेडरूम हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम अक्सर काम से थक कर आते हैं तो बेडरूम में आराम करते हैं। अगर आपके बेडरूम का वास्तु खराब है तो आपको वहां पर अच्छी नींद नहीं आने वाली।

बेडरूम का कलर कैसा होना चाहिए?
बेडरूम का कलर कैसा होना चाहिए?

बेडरूम का वास्तु पति पत्नी के जीवन में गहरा प्रभाव डालता है। कई बार लोग इस पर ध्यान नहीं देते और रिश्तो में अनेक प्रकार की उलझनों का सामना करते रहते हैं।

आप अपने बेडरूम का कलर वास्तु के अनुसार करके अपने रिश्तो को सुहाना बना सकते हैं। पति-पत्नी के मध्य प्रेम कई गुना बढ़ सकता है।

आज मैं आपको कुछ ऐसे रंगों के बारे में बताऊंगा जिनका उपयोग आप अपने बेडरूम में करके अपने जीवन को सरल बना सकते हैं इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

बेडरूम का कलर कैसा होना चाहिए? | Bedroom ka colour kaisa hona chahie

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का बेडरूम दक्षिण पश्चिम की दिशा में होना चाहिए। दक्षिण पश्चिम दिशा में पृथ्वी तत्व का आधिपत्य होता है और यह कोना पारिवारिक संबंधों को दर्शाता है।

बेडरूम में हमें उन्हीं रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए जो पृथ्वी तत्व को उत्साहित करें जिससे हमारा जीवन भी उत्साह पूर्ण रह सके।

हमें अपने बेडरूम में भूरा या लाल रंग का उपयोग करना चाहिए यह रंग मिट्टी को दर्शाते हैं जिससे हमारे जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

भूरा रंग या लाल रंग हमारी मिट्टी, उर्वरता और पृथ्वी का रंग है। इसका उपयोग बेडरूम में करने से पृथ्वी तत्व का आधिपत्य बरकरार रहता है जिससे हमें अनेक प्रकार के लाभ देखने को मिलते हैं।

भूरा और लाल रंग स्थिरता का प्रतीक है। यह रंग घर के सदस्यों को स्थिरता प्रदान करता है। उनको अच्छी नींद आती है जिससे वे स्वस्थ रह पाते हैं और अगले दिन के लिए संपूर्ण ऊर्जा के साथ तैयार रहते हैं।

अगर पति-पत्नी के मध्य विश्वास की कमी है तो भूरे रंग का उपयोग बेडरूम में करने से उनके रिश्तो में विश्वसनीयता आ जाती है क्योंकि भूरा रंग विश्वसनीयता को भी दर्शाता है।

अगर आप अपने बेडरूम में टाइल्स या मार्बल का उपयोग करना चाहते हैं तो आपको मिट्टी के रंगों की टाइल्स का उपयोग करना चाहिए या फिर आपको उन टाइलों का उपयोग करना चाहिए जो लकड़ी जैसी प्रतीत होती हों।

कई लोग भूरे रंग को बहुत पसंद नहीं करते। वे लोग बेडरूम की तीन दीवारों को सफेद रंग का कर सकते हैं और बेड के पीछे की चौथी दीवार को भूरे या चॉकलेटी रंग का करवा सकते हैं।

अगर आप बेडरूम में वॉलपेपर का उपयोग करना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि वॉलपेपर का रंग भूरा ही हो। उस वॉलपेपर में जैविक बनावट हो सकती है या फिर किसी चट्टान या लकड़ी के गड्ढे के डिजाइन हो सकते हैं।

1. बच्चों के बेडरूम के लिए कलर | Bacchon ke bedroom ka colour

बच्चों के बेडरूम में गर्म और पौष्टिक रंगों का उपयोग करना चाहिए। बच्चों के बेडरूम को हमेशा उत्तर की दिशा में बनाना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर उसे उनके अध्ययन कक्ष के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।

उत्तर दिशा में हरे रंग का आधिपत्य होता है जो विकास ताजगी प्रचुरता और नवीनता को दर्शाता है। बच्चों के कमरे में हल्के हरे रंगों का उपयोग ज्यादातर करना चाहिए।

बच्चों के कमरे में अगर वॉलपेपर लगाना हो तो उनमें प्रकृति से संबंधित डिजाइन हो सकते हैं जैसे घास, फूल, पत्ते, झरने, नदियां आदि।

कई बार लोग बच्चों की महत्वाकांक्षा अनुसार अनेक प्रकार के रंगों से बनी वॉलपेपर लगा देते हैं लेकिन ऐसा करने से बच्चों के मन में भ्रम पैदा होता है। उनका ध्यान एक जगह स्थिर नहीं रह पाता। आप बच्चों के कमरे में जो भी वॉलपेपर लगाएं उसका आधार रंग हरा ही होना चाहिए।

अगर आपका बेडरूम उत्तर दिशा में है तो ये आपके लिए बिल्कुल भी शुभ संकेत नहीं है। आप या तो इस कमरे का उपयोग दिन में काम करने के लिए करें या फिर इस कमरे को बच्चों का बेडरूम बना दें।

अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो फिर आपको इस कमरे में पीला या लेमन रंग करवाना चाहिए। जिससे कुछ हद तक आपको वास्तु दोष से छुटकारा मिल सके।

2. बुजुर्गों के बेडरूम के लिए कलर | Buzurgon ke bedroom ka colour

वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को बुजुर्ग माता-पिता के बेडरूम के लिए उपयुक्त बताया है। पीले और नीले रंग पूर्वी दिशा के लिए आदर्श रंग है।

हमें वॉलपेपर और तस्वीरें लगाते समय भी पीले और नीले रंगों का उपयोग करना चाहिए। इस दिशा में बहुत रंगबिरंगी वॉलपेपर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

इस दिशा में बने कमरे में लाल और नारंगी जैसे उत्तेजक रंगों से बचना चाहिए। नीला रंग हमारे मन को शांत करता है इसलिए इसका उपयोग भी माता पिता के बेडरूम के लिए काफी अच्छा है।

पीला रंग सूर्य का प्रकाश है। यह पूरी पृथ्वी को उज्जवल करता है। इसका उपयोग करने से घर सकारात्मकता से भर जाता है।

3. अतिथि के बेडरूम के लिए कलर | Guest ke bedroom ka colour

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का गेस्ट रूम उतार पश्चिम की दिशा में होना चाहिए। इस दिशा का आधिपत्य चंद्रमा के पास होता है इसलिए इस दिशा का रंग सफेद या भूरे रंग में होना चाहिए।

गेस्ट रूम में वॉलपेपर नीले, हरे रंगों में हो सकते हैं। ये रंग मेहमानों को एक स्वागत योग्य, सक्रिय और सुखद वातावरण प्रदान करते हैं।

अगर इस दिशा में आपका बेडरूम है तो आप उसका रंग चमकीला सफेद कर सकते हैं जिससे कुछ वास्तु दोषों का निवारण हो सके। वैसे इस दिशा में कभी भी बेडरूम नहीं होना चाहिए।

किचन में कौन-कौन से रंगों का उपयोग करना चाहिए अगर आप इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो आप हमारे लिंक पर जाकर इसका जवाब पा सकते हैं

निष्कर्ष | Conclusion

हमें अपने बेडरूम में भूरे और लाल रंग का प्रयोग करना चाहिए। बेडरूम में हम मिट्टी से जुड़े सभी रंगों का प्रयोग कर सकते हैं।

अगर आप घर के बाहरी दीवार के रंगों के बारे में जानना चाहते हैं तो दी गई लिंक पर जाकर अपने सभी सवालों के जवाब पा सकते हैं।

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