स्त्री की कुंडली में गुरु (बारह भावों में)
जन्म कुंडली में गुरु सर्वाधिक शुभ ग्रह होते हैं। अगर यह आपकी कुंडली में कारक हैं तब तो यह आपके […]
जन्म कुंडली में गुरु सर्वाधिक शुभ ग्रह होते हैं। अगर यह आपकी कुंडली में कारक हैं तब तो यह आपके […]
मिथुन के लोगों से एक दो बार मिलने से इनके व्यक्तित्व के बारे में समझना मुमकिन नहीं है, बल्कि इस
हिंदू सभ्यता में व्रत की बहुत अधिक मान्यता है। पूरी शिद्दत से किसी भी भगवान की पूजा और व्रत करना
मीन राशि चक्र की बारहवीं राशि है। इस राशि में जन्म लेने वाले जातक भावनात्मक, कल्पनाशील, दयावान और कलात्मक होते
मकर राशि चक्र की बारह राशियों में से दसवीं राशि है। और इस राशि का स्वामी शनि होता है। ऐसे
मिथुन लग्न में मंगल के पास छठवें और ग्यारहवें भाव का आधिपत्य होता है। इस लग्न में मंगल जहां भी
ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक पाठक ग्रह माना गया है। आज हम मिथुन लग्न की कुंडली में राहु के
सिंह राशि के लोग अग्नि तत्व के बने होते हैं और इस राशि का स्वामी सूर्य होता है। ऐसे जातक
मेष बारह राशियों में पहली राशि है। मेष राशि का तत्व ‘अग्नि’ है। प्रत्येक राशि के अपने अपने तत्व के
वृश्चिक राशि के जातक जल तत्व के बने होते हैं, लेकिन अक्सर इस राशि के जातकों को इनके स्वतंत्र स्वभाव
मेष राशि का स्वामी मांगल होता है जो की स्वयं ऊर्जा का करक है इस कारन मेष राशि के लोग
क्या आपके घर में कलर होती है? आपकी अपने पति पत्नी से संबंध अच्छे नहीं रहते? अगर ऐसा है तो