वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम मुखी घर का नक्शा PDF सहित

पश्चिम दिशा में घर का मुख्य द्वार होना आमतौर पर अशुभ माना जाता है. और लोगों के मन में यह धारणा बन चुकी है कि पश्चिम दिशा में घर होने से कई समस्याएं आती हैं.

कई बार तो लोग अपने जीवन की  समस्याओं को पश्चिम दिशा से जोड़ देते हैं. और ज्योतिषी और वास्तु ज्ञानियों के पास जाकर कहते हैं कि हमारा घर के पश्चिम दिशा में होने के कारण हमारे यहां यह समस्याएं आ रही हैं. लेकिन सच में ऐसा नहीं होता.

पश्चिम दशा मां लक्ष्मी की दिशा है यह दिशा अशुभ नहीं होती. बस हमें इस दिशा में घर का निर्माण करते समय वास्तु शास्त्र नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.

दोस्तों आजकल के समय में ज्यादातर लोग शहर में रहते हैं और वहां इतनी पर्याप्त जमीन नहीं होती कि आप अपने मन के दिशा चुनकर घर का मुख्य द्वार उस दिशा में बनवाएं.

कुछ जमीने ऐसी भी मिलती है जिनमें मुख्य द्वार पश्चिम में ही किया जा सकता है क्योंकि सड़क उसी ओर से निकलती है. या फिर कुछ लोग फ्लैट में रहते हैं जिनका मुख्य द्वार पश्चिम की ओर ही है.

आज मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाला हूं कि पश्चिम मुखी घर का नक्शा कैसे बनाया जाता है, और कैसे पश्चिम मुखी घर से वास्तु दोष की सभी समस्याएं खत्म की जा सकती है.

वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम मुखी घर का नक्शा

दोस्तों घर का नक्शा बनाने के लिए सबसे जरूरी होता है घर की दिशा. हम जानते हैं कि हमारे घर के दिशा है पश्चिम. तब हमें इस दिशा को ध्यान में रखते हुए सभी चीजों का निर्माण करना चाहिए.

पश्चिम मुखी घर का नक्शा
पश्चिम मुखी घर का नक्शा

तो आइए मैं आपको बताता हूं की पश्चिम मुखी घर का नक्शा बनाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और पश्चिम मुखी घर कि सभी चीजें किस दिशा में और किस कोण में होंगी.

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1. पश्चिम दिशा का मुख्य द्वार

घर के मुख्य द्वार का सही जगह में होना अत्यंत आवश्यक होता है क्योंकि मुख्य द्वार  ऐसी जगह है जहां से हम अंदर बाहर आते जाते हैं.तो अगर हमारे घर का मुख्य द्वार सही दिशा में नहीं होगा तो हम हर बार नकारात्मक ऊर्जा को घर से बाहर और अंदर लेकर आएंगे और जाएंगे.

पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि हम अपने प्लॉट को 9 भागों में बांट लें. जैसे मान लीजिए कि हमारे प्लॉट की पश्चिमी दिशा की लंबाई 45 फुट है तो हमें इस को 9 से भाग दे देना चाहिए. 9 से भाग देने पर हर हिस्से में 5 फुट आ रहा है. अब नीचे दिए गए चित्र को देखें और अच्छे से समझें.

पश्चिम दिशा की लंबाई के 9 भाग
पश्चिम दिशा की लंबाई के 9 भाग

इस चित्र में हमने अपनी पश्चिम दिशा की लंबाई को 9 भागों में बांट दिया है. अब जानें कि किस हिस्से में हम अपना मुख्य द्वार लगा सकते हैं.

पहले हिस्से में – पहले हिस्से के स्थान को पिता का स्थान कहा जाता है. इस स्थान पर में गेट नहीं लगाना चाहिए. ऐसा ज्यादातर देखा गया है कि इस स्थान पर मेट लगाने से धन की कमी हमारे जीवन में बनी रह सकती है.

दूसरे हिस्से में – दूसरे हिस्से में भी मुख्य द्वार लगाना बहुत अधिक शुभ नहीं बताया गया. यहां पर मुख्य द्वार लगाने से धन संपत्ति में कमी तो नहीं आती लेकिन घर परिवार में सुख शांति की कमी हो जाती है.
बल्कि ऐसा भी कह सकते हैं कि परिवार के शत्रुओं में बढ़ोतरी भी हो सकती हैं.

तीसरे हिस्से में – तीसरे हिस्से को सुग्रीव का स्थान कहा जाता है. इसलिए इस स्थान पर आप अपना मुख्य द्वार लगा सकते हैं. इस हिस्से में मुख्य द्वार लगाने से धन संपत्ति में निश्चित तौर पर बढ़ोतरी होती है. जीवन में कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होती.

चौथे हिस्से में – इस स्थान को पुष्पदंत का स्थान कहा जाता है . यहां पर  आप अपना मुख्य द्वार लगा सकते हैं. यहां पर मुख्य द्वार लगाने से आपके धन और संतान दोनों में बढ़ोतरी हो सकती है.

पांचवे हिस्से में – यह हिस्सा वरुण का हिस्सा कहा जाता है. इस हिस्से में मुख्य द्वार लगाना अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है. पश्चिम मुखी घर में पांचवें हिस्से में द्वार लगाने से घर में कभी भी धन की , सुख समृद्धि की कभी कमी नहीं होती.

छठवें हिस्से में – छठवे हिस्से को असुर का स्थान कहा गया है. यहां पर मुख्य द्वार लगाने से धन में बढ़ोतरी तो होती है किंतु हमारा भाग्य बहुत साथ नहीं देता. तो अगर आपके पास तीसरे ,चौथे और पांचवें हिस्से में मुख्य द्वार लगाने का विकल्प नहीं है तभी आप छठवें हिस्से में अपने घर का मुख्य द्वार लगवाएं.

सातवे, आठवें और नौवे हिस्से को वास्तु शास्त्र में श्रेष्ठ नहीं माना गया. इन स्थानों में घर का मुख्य द्वार लगाने से घर में बीमारियों का आगमन होता है. सुख समृद्धि का नाश होता है.इसलिए भूल कर भी हमें इन तीनों हिस्सों में अपने घर का मुख्य द्वार नहीं लगाना चाहिए.

इन बातों का निष्कर्ष यह निकलता है कि हमें तीसरे, चौथे और पांचवें हिस्से में अपने घर का मुख्य द्वार लगाना चाहिए.

2. पश्चिम मुखी घर का किचन

पश्चिम दिशा के घर के किचेन के लिए जो सबसे शुभ दिशा बताई गई है वह है दक्षिण – पूर्व की दिशा . जिसे हम अग्नेय कोण भी कहते हैं.

इस दिशा को अग्नि देवता की दिशा कहा जाता है. इसीलिए अग्नि से जुड़े सभी काम इसी दिशा में करना चाहिए.

इस दिशा में किचन होने से घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहता है. धन में भी किसी प्रकार से कमी नहीं होती.

अगर आप किसी कारणवश दक्षिण-पूर्व या अग्नि कोण में अपना किचन नहीं बनवा सकते तो आप उत्तर-पश्चिम या वायव्य कोण में अपना किचन बनवाएं, क्योंकि यह वायु की दिशा होती है और वायु अग्नि को जलाने में बहुत आवश्यक होती है. मगर इस दिशा में किचन बनवाने से घर के सदस्यों को आराम करने का मौका कम मिलता है.

और वह एक दूसरे पर किसी भी गलती का आरोप भी लगाते हैं, इसलिए अगर आपका किचन वायव्य कोण में है तो इन बातों से आप सतर्क रहें.

3. पश्चिम मुखी घर का बाथरूम

पश्चिम मुखी घर के बाथरूम के लिए कुछ दिशाएं निर्धारित की गई है जैसे दक्षिण – पश्चिम की दिशा जिसे नेऋत्व कोण कहते हैं या उत्तर – पश्चिम की दिशा या फिर पश्चिम की दिशा. इन दिशाओं में हम अपने घर का बाथरूम बनवा सकते हैं.

4. पश्चिम दिशा के घर में खुला आंगन

अगर हमारा घर पश्चिम दिशा में है तब भी हमें अपने घर का आंगन पश्चिम दिशा में नहीं करना चाहिए.

आंगन के लिए वास्तु शास्त्र में जो दिलाएं श्रेष्ठ बताई गई है वो हैं उत्तर और पूर्व. इसलिए अपने घर के आंगन को या तो उत्तर दिशा में बनवाएं या फिर पूर्व दिशा में बताएं.

दोस्तों पश्चिम दिशा में अगर होना एक ऐसा दोष है जिसका कोई भी उपाय नहीं है. इसलिए हमें इस दिशा में आंगन कभी भी नहीं बनवाना चाहिए.

5. पश्चिम दिशा के घर का चुंबकीय संतुलन

पश्चिम दिशा के घर में चुंबकीय संतुलन बनाने के लिए हमें पश्चिम और दक्षिण दिशा की दीवार को उत्तर और पूर्व  दिशा की दीवार से थोड़ा सा मोटा और ऊंचा कर देना चाहिए.

अगर आप अपना पश्चिम दिशा का घर बनवा चुके हैं और आप अब उनकी दीवारों को मोटा या ऊंचा नहीं करवा सकते तो फिर आप दक्षिण – पश्चिम के कोने में शिव जी की त्रिशूल भी रख कर कुछ हद तक अपने घर का चुंबकीय संतुलन बरकरार रख सकते हैं.

6. पश्चिम मुखी घर के फर्श और छत

हमने अभी चुंबकीय संतुलन बनाने के लिए यह बात की कि हमें पश्चिम और दक्षिण की दीवार थोड़ी सी ऊंची और मोटी करनी चाहिए. इससे यह फायदा होगा कि हमारा छत पश्चिम और दक्षिण की ओर थोड़ा सा ऊंचा हो जाएगा. और इसकी ढलान ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व के कोने की ओर रहेगी.

पश्चिम मुखी घर के छत और फर्श को हमें दक्षिण पश्चिम के कोने को हमें ऊंचा रखना चाहिए और ईशान कोण को हमें थोड़ा नीचा रखना चाहिए. जिससे छत पर या फर्श पर बहने वाला पानी ईशान कोण की ओर जाकर बहे.

पश्चिम मुखी घर के लिए ईशान कोण की दिशा में पानी बहना अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है. इससे पश्चिम मुखी घर के बहुत सारे दोष कट जाते हैं.

7. पश्चिम मुखी घर का ड्रेनेज सिस्टम

पश्चिम मुखी घर का ड्रेनेज सिस्टम इस प्रकार का होना चाहिए कि इसका पानी दक्षिण पश्चिम से बह कर उत्तर पूर्व के कोने में जाए. इससे पश्चिम मुखी घर में अत्यंत श्रेष्ठ फल मिलते हैं

8. पश्चिम मुखी घर के खिड़की और रोशनदान

घर में खिड़की और रोशनदान लगाने के अनेक महत्व है. लेकिन पश्चिम मुखी घर में हमें कभी भी खिड़कियों को पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए. ज्यादातर हमें यही प्रयास करना चाहिए कि हमारी खिड़कियां उत्तर और पूर्व दिशा में हो.
अगर हमें कोई खिड़की पश्चिम दिशा में लगानी पड़ती है तो हमें या ध्यान रखना चाहिए कि वह खिड़की घर में लगी सभी खिड़कियों से भारी हो. इससे बहुत सारे वास्तु दोष मिट जाते हैं.

9. पश्चिम मुखी घर का पूजा घर

पूजा घर किसी भी घर का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसलिए हमें हमेशा पूजा घर को सही दिशा में बनवाना चाहिए. पूजा घर के दिशा पश्चिम मुखी घर के लिए ईशान कोण यानी उत्तर – पूर्व की दिशा होती है.

इस दिशा में पूजा घर बनवाने से धन समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा की कभी कमी नहीं होती. घर परिवार में शांति रहती है और भगवान की कृपा परिवार के सदस्यों पर निरंतर बनी रहती है.

पश्चिम मुखी घर का नक्शा

पश्चिम मुखी घर का नक्शा
पश्चिम मुखी घर का नक्शा

ऊपर दिए गए नक्शे में आप देख सकते हैं कि यह नक्शा पश्चिम मुखी घर का है. इस नक्शे को वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. नीचे एक pdf दी गई है जिससे देखकर आप पश्चिम मुखी घर का नक्शा बनाने में मदद ले सकते हैं.

वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम मुखी घर का नक्शा PDF

इन सभी बातों का ध्यान रख का आप पश्चिम मुखी घर का नक्शा और पश्चिम मुखी घर बना सकते हैं. ऐसा करने से आप वास्तु के सभी दोषों से दूर रहेंगे.

और पश्चिम मुखी घर से जुड़ी आप के घर में कोई समस्या नहीं आएगी. अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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