शीशा किस दिशा में लगाना चाहिए? (पूरी जानकारी)

दोस्तों यह तो हो गई शीशे की दिशा के बारे में संक्षिप्त में जानकारी. अब मैं आपको शीशे को कहां, कैसे और क्यों लगाना है इसके बारे में जानकारी दूंगा. इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पड़ें.

शीशा किस दिशा में लगाना चाहिए? वास्तु शास्त्र में घर या दफ्तर में शीशा लगाने की जो सबसे उत्तम दिशा बताई गई है वह है ईशान कोण. अगर हम अपने घर या दफ्तर के शीशे को किसी कारण वश ईशान कोण में नहीं लगा सकते तो फिर हमें इसे उत्तर या पूर्व की दिशा में लगाना चाहिए.

शीशा हम सब के घर में होता ही होता है जिसका स्तेमाल हम अपने आप को सजाने संवारने में करते हैं. हम कहीं भी जाते हैं तो जाने से तुरंत पहले अपने आप को आईने में एक बार जरूर देखते हैं जिसमें देख लेने से हमारा आत्म विश्वास बना रहता है.

शीशा किस दिशा में लगाना चाहिए
शीशा किस दिशा में लगाना चाहिए

शीशे का हमारे ऊपर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. शीशा हमारे घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने का एक अहम हिस्सा है. दोस्तों वास्तु शास्त्र के अनुसार हम जिस भी दिशा में शीशे को लगाते हैं उस दिशा की ऊर्जा दोगुनी हो जाती है.

दोस्तों मैं आपको बता दूं अगर आपके घर का शीशा सही दिशा में नहीं लगा है तो इससे कई प्रकार की हानियां भी हो सकती हैं. घर परिवार में निरंतर समस्याएं बनी रह सकती हैं.

इसलिए आज मैं आपको बताऊंगा कि किस दिशा में शीशे को लगाएं जिससे आपको अत्यंत श्रेष्ठ लाभ मिल सके और शीशे से बनने वाले सभी प्रकार के वास्तु दोषों से आप दूर रह सकें.

शीशा किस दिशा में लगाना चाहिए

वास्तु शास्त्र के अनुसार हम अपने घर के शीशे को जिस भी दिशा में लगाते हैं शीशा उस दिशा की ऊर्जा को दोगुना कर देता है और पूरे घर का सबसे श्रेष्ठ स्थान होता है ईशान कोण इसलिए हमें अपने घर के शीशे को ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व के कोने में ही लगाना चाहिए.

इस दिशा में लगा आइना धन की देवी को अपनी ओर आकर्षित करता है और धन को प्रचुर मात्रा में बढ़ाता है. इस दिशा में लगा आइना घर में प्रवेश कर रही सकारात्मक ऊर्जा को दोगुना कर देता है.

अगर आप किसी कारणवश ईशान कोण में अपने घर का शीशा नहीं लगा सकते तो फिर शीशा लगाने के लिए जो उत्तम दिशाएं बचती हैं वह हैं पूर्व की दिशा और उत्तर की दिशा.

उत्तर की दिशा कुबेर की दिशा होती है और पूर्व की दिशा सूर्य की दिशा होती है. इन दोनों दिशाओं में आईने को लगाने से घर में धर्म, ज्ञान और समृद्धि की कभी भी कमी नहीं होती. घर परिवार का नाम और यश बढता है.

उत्तर और पूर्व की दिशा में लगे आईने दक्षिण और पश्चिम की दिशा से आने वाली नकारात्मक शक्तियों को वापस लौटा देते हैं. इसीलिए इन दिशाओं में भी आईने को लगाना शुभ माना गया है.

पति पत्नी की फोटो किस दिशा में लगाना चाहिए?

शीशे को लगाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  1. वास्तु शास्त्र के अनुसार आईने को कभी भी दक्षिण या पश्चिम की दिशा में नहीं लगाना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा यम की होती है और पश्चिम दिशा शनि देव की. यह दोनों राक्षसी प्रवृत्ति के होने के कारण नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं. इसीलिए इन दिशाओं में लगे आईने हमेशा नुकसानदायक होते हैं.

दक्षिण या पश्चिम की दिशा में शीशा ना लगाने का सबसे बड़ा कारण यह भी है की जो भी सकारात्मक ऊर्जा उत्तर और पूर्व की दिशा से आएगी वह दक्षिण या पश्चिम की दीवार पर लगे शीशे से टकराकर वापस लौट जाएगी.

किसी भी घर परिवार के लिए यह बहुत हानिकारक हो जाता है क्योंकि ऐसे में सकारात्मक ऊर्जा की मात्रा नकारात्मक ऊर्जा से कम हो जाती है. ऐसा होने से घर पर बहुत बुरा असर पड़ता है. परिवार के सदस्यों की तबियत में लगातार गिरावट होने लगती है. उनको मानसिक अशांति का भी सामना करना पड़ सकता है.

शीशा लगाने की दिशा
शीशा लगाने की दिशा
  1. घर के आग्नेय कोण में शीशे को कभी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यह दिशा अग्नि की दिशा होती है और ऐसा वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि हम शीशे को जिस भी दिशा में लगाते हैं वह उस दिशा की ऊर्जा को दोगुना कर देता है.

शीशे को अग्नि कोण में लगाने से घर में अग्नि का प्रभाव बहुत ज्यादा हो जाता है जिससे परिवार के सदस्यों को गुस्सा ज्यादा आने लगता है और वो आपस में लड़ने झगड़ने लगते हैं. दोस्तों शीशे के अग्नि कोण में होने से घर के सदस्यों की गाड़ी से टक्कर हो सकती है.

  1. दोस्तों इसी प्रकार घर के दक्षिण-पश्चिम के कोने में और वायव्य कोण में भी शीशे को नहीं लगाना चाहिए. इन दिशाओं में भी शीशे को लगाने से बुरे परिणाम मिल सकते हैं.

हमारे द्वारा शीशे की दिशा के बारे में दी गई जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट करके बताना ना भूलें और इस आर्टिकल को हर उस व्यक्ति तक पहुंचाएं जिनके घर में शीशा गलत दिशा में रखा जाता है.

ये भी पढ़े :