शौचालय किस दिशा में होना चाहिए? (Toilet direction 7 tips)

क्या आपको पता है शौचालय के गलत दिशा में होने से अनेक प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। आपके घर से लक्ष्मी जा सकती है। परिवार के सदस्यों का स्वास्थ खराब रह सकता है।

ऊपर दी गई समस्याओं से सुरक्षित रहने के लिए हमें वास्तु के नियमों का पालन करना चाहिए। वास्तु हमारे जीवन को सरल बनाने में उपयोगी है।

शौचालय किस दिशा में होना चाहिए
शौचालय किस दिशा में होना चाहिए

वास्तु का इस्तेमाल आप हर जगह कर सकते हैं चाहे वह हमारा ऑफिस हो, हमारा घर हो या फिर कोई अन्य स्थान हो। थोड़ी सी वस्तु की समझ और जानकारी आपको कई मुसीबतों से दूर रख सकता है।

आज मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताऊंगा कि हमारे घर का शौचालय किस दिशा में होना चाहिए और शौचालय बनाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

शौचालय किस दिशा में होना चाहिए | Toilet Direction According To Vastu

हमारे घर का शौचालय हमेशा दक्षिण और नैऋत्य कोने के मध्य में होना चाहिए। नैऋत्य कोण दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य में बनने वाला कोण है। इस दिशा में शौचालय होने से अनेक प्रकार के फायदे होते हैं।

ऊपर दी गई दिशा में शौचालय होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार नहीं हो पाता है। सकारात्मक ऊर्जा घर में निरंतर बनी रहती है। जिससे घर के मालिक की निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।

अगर आपके घर का शौचालय सही दिशा में है तो शौचालय में बहने वाले पानी के साथ घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा भी बह जाती है। वहीं इसके विपरीत अगर शौचालय सही दिशा में नहीं है तो नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर बहने के बजाय घर के भीतर प्रवेश करती है।

शौचालय बनाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हमारे घर की खिड़की-दरवाजा कभी भी दक्षिण दिशा में ना हों। दक्षिण दिशा में दरवाजा खिड़की होने के कई बुरे परिणाम देखने को मिलते हैं।

शौचालय बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें (7 Tips)

1. घर का शौचालय कभी भी ईशान कोण में नहीं बनाना चाहिए। ईशान कोण देवी देवताओं का स्थान होता है। यहां पर सदैव हमें पूजा घर बनाना चाहिए या फिर बच्चों के पढ़ने लिखने का स्थान बनाना चाहिए।

ईशान कोण में शौचालय होने से घर में लक्ष्मी तो आएगी पर उनका सदुपयोग अच्छे से नहीं हो पाएगा। किसी ना किसी बुरे काम में वह लक्ष्मी बर्बाद हो जाएगी। आप के निर्णय लेने की क्षमता पर भी इसका बुरा असर बहुत जोरों से पड़ेगा।

ईशान दिशा हमारे घर को अंधेरे से मुक्त करता है। इस में शौचालय को विष के समान माना गया है इसलिए यहां पर शौचालय बनाना पूर्णत वर्जित है।

अगर आपके घर में पहले से ही इशान कोण में शौचालय बना हुआ है आपके लिए उसे तोड़ना बिल्कुल भी संभव नहीं है तो आप इस दिशा में पीले रंग का उपयोग कर सकते हैं या फिर आप किसी शिकार करते हुए शेर की तस्वीर को इस दिशा की दीवार पर लगा सकते हैं।

2. घर के आग्नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व के मध्य का कोना, में भी शौचालय का निर्माण नहीं करना चाहिए। इस दिशा में शौचालय होने से धन की हानि संभव है। घर परिवार के सदस्यों के विकास में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं।

घर का आग्नेय कोण किचन बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान होता है। अगर हम यहां पर शौचालय बना देते हैं तो हमारे व्यापार में गिरावट आने लगती है। घर के मांगलिक कार्यों में समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

अगर आप अपने घर के आदमी कौन से शौचालय को हटा नहीं सकते तो फिर आपको वहां पर ज्यादा से ज्यादा लकड़ी का इस्तेमाल करना चाहिए और एक कटोरी में समुद्री नमक को भरकर शौचालय के रोशनदान पर रख देना चाहिए।

3. घर की उत्तर दिशा में शौचालय नहीं बनाना चाहिए उत्तर दिशा के स्वामी कुबेर होते हैं जो अगर किसी व्यक्ति के ऊपर प्रसन्न हो जाते हैं तो उस घर में असीमित मात्रा में धन आने लगता है।

अगर हमने कुबेर की दिशा में शौचालय बना दिया तो यह बिल्कुल भी श्रेष्ठ नहीं होगा क्योंकि शौचालय मल मूत्र के विसर्जन का स्थान है। अगर हमारे घर में ऐसा है तो हमारा जीवन स्वच्छ नहीं हो पाता है।

घर में धन का सदुपयोग अच्छे से नहीं हो पाता और कान में इन्फेक्शन जैसी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। भय के कारण भी घर में किसी को कोई रोग हो सकता है।

अगर आपके घर के उत्तर दिशा में शौचालय है और आप उसे हटा नहीं सकते तो फिर आपको अपने शौचालय की दीवार पर काले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए और उत्तर दिशा में बने कमरे में किसी कपड़े में फूल को लपेट कर रखना चाहिए।

4. शौचालय का दरवाजा हमें हमेशा लकड़ी का रखना चाहिए। कभी भी लोहे का दरवाजा शौचालय में नहीं लगाएं क्योंकि लोहा नकारात्मक ऊर्जा को दर्शाता है। और अगर आपके घर का शौचालय आग्नेय कोण में है तो फिर अवश्य ही आपको शौचालय के दरवाजे और खिड़कियों को लकड़ी का रखना चाहिए।

5. घर का शौचालय इस प्रकार बनाना चाहिए कि उसकी कोई भी दीवार हमारे पूजा घर और किचन से ना मिले। अगर ऐसा होता है तो यह हमारे लिए बहुत अच्छा संकेत है।

अगर आपके शौचालय और पूजा घर की दीवार एक ही हो जाए तो नकारात्मक ऊर्जा का आदान प्रदान बड़े ही आसानी से हो जाएगा। जिससे पूजा घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाएगी और इसके हमें बुरे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

6. शौचालय के द्वार को हमेशा हमें बंद रखना चाहिए ताकि शौचालय में उत्पन्न होने वाली नकारात्मक ऊर्जा सारे घर में ना फैले। अगर शौचालय की नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती तो यह हमारी आजीविका के लिए बहुत अच्छा होता है।

7. बाथरूम से निकलने वाला पानी हमेशा उत्तर या उत्तर पूर्व की दिशा में बहना चाहिए। ऐसा होने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाथरूम के निकलने वाली पानी के साथ बह जाती है और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है।

FAQ

लेट्रिन बाथरूम कौन सी दिशा में होनी चाहिए?

न बाथरूम हमेशा दक्षिण और नैऋत्य के मध्य (In between South and south-west) में होना चाहिए। ऐसा होने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बहुत कम हो जाती है।

अगर उत्तर दिशा में टॉयलेट हो तो क्या करें?

अगर आपके घर के उत्तर दिशा में टॉयलेट (toilet) है और आप उसे हटा नहीं सकते तो फिर आपको अपने शौचालय की दीवार पर काले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए और उत्तर दिशा में बने कमरे में किसी कपड़े में फूल को लपेट कर रखना चाहिए।

बाथरूम की साइज क्या होनी चाहिए?

अनुसार आपके बाथरूम का साइज 4 बाय 6, 8 बाय 8 हो सकता है। अगर आप ज्यादा बड़ा बाथरूम बनाना चाहते हैं तो आप 8 बाय 10 या 10 बाय 10 का बाथरूम बना सकते हैं।

शौच करते समय मुंह किधर होना चाहिए?

शौच करते समय हमारा मुंह उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। सोच के दौरान कभी भी हमें अपना मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर नहीं करना चाहिए।

आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके बताना ना भूलें और अगर इस से जुड़े कुछ सवाल आपके मन में हैं तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में हम से पूछ सकते हैं या फिर आप मेरे सोशल मीडिया अकाउंट पर आकर मुझसे पर्सनली पूछ सकते हैं।