शनि देव को प्रसन्न करने का मंत्र (सम्पूर्ण विधि)

शनि देव को लेकर लोगों के मन में अनेक भ्रांतियां फैली हुई है। कई लोग इनके प्रकोप से बहुत डरते हैं लेकिन डरना नहीं चाहिए। ये न्यायाधीश हैं, न्याय प्रिय हैं। अगर आपके शनि खराब हैं और आप किसी के साथ अन्याय करते हैं तो आपको शनि के बहुत बुरे प्रभाव देखने को मिल सकता है।

कई बार बड़े बड़े ज्योतिषाचार्य ये सलाह देते हैं की शनि देव को प्रसन्न करने सबसे कारगर उपाय है कि अपने कर्मों को सही करो अर्थात किसी के साथ गलत करने की मत सोचो तथा गरीब और असहाय लोगों की सेवा करो।

यह बिल्कुल सही उपाय है आप इसको करके शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं लेकिन क्या ऐसा कोई मंत्र नहीं है जिससे आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकें? जी हां, बिल्कुल है ऐसा मंत्र जिसका जप करके आप शनिदेव को बड़ी ही सरलता से प्रसन्न कर सकते हैं और उनसे शुभ परिणाम ले सकते हैं।

आज मैं आपको शनिदेव को प्रसन्न करने के मंत्र के बारे में जानकारी देने वाला हूं साथ ही मैं आपको यह भी बताऊंगा कि इस मंत्र के जप करने से आपको किस प्रकार से लाभ हो सकते हैं इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

शनि देव को प्रसन्न करने का मंत्र

शनि दुख और बुढ़ापा का कारक है। अगर यह कुंडली में पीड़ित हो जाए तो व्यक्ति को अनेक प्रकार से दुखों का सामना करना पड़ सकता है साथ ही उसका बुढ़ापा भी जल्दी ही आ जाता है और वह अपने बुढ़ापे में भी अनेक प्रकार के दुख झेलता है।

शनिदेव को प्रसन्न करने का मंत्र है ॐ शं शनैश्चराय नमः। यह एक ऐसा मंत्र है जिसकी सिद्धि करके आप अपने ऊपर से शनि के बुरे प्रभावों को हटा सकते हैं जिससे आपका जीवन सुखमय व्यतीत होगा।

इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को जीवन में अनेक प्रकार की सफलताएं प्राप्त होती हैं तथा उसका बुढ़ापा सुख में व्यतीत होता है।

शनि देव के मंत्र की सिद्धि कैसे करें?

शनि देव के मंत्र को सिद्ध करने के लिए शास्त्रों में 23000 जप करने की सलाह दी गई है। क्योंकि यह कलयुग है इसलिए हमें इन मंत्रों को चार गुणा करके सिद्धि प्राप्त होती है इसलिए हमें 92000 जप करके ही सिद्धि प्राप्त होगी।

आप इसे प्रतिदिन एक माला तीन माला जैसे अधिक विषम संख्या में जप सकते हैं। इसको पूर्ण करने के बाद आपको किसी जानकार पंडित से बुलवा कर इसकी संपूर्णता का हवन करना चाहिए। अगर आप किसी कारणवश हवन नहीं कर सकते तो आपको इस मंत्र का दो हजार जप अधिक करना चाहिए जिससे आपको हवन का भी लाभ प्राप्त हो सके।

कई बार लोग अनजाने में शनि देव की मूर्ति को घर लाकर उनके सामने बैठकर मंत्रों का जप करते हैं। मेरी सलाह मैं आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। आप अपने घर में देवी देवताओं के समक्ष बैठकर अपने मंत्रों का जप करिए जहां शनि देव की मूर्ति रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।

मंत्र सिद्ध करने के फायदे

कोई भी मंत्र सिद्धि के बाद ही पूर्ण तरीके से फल प्रदान कर सकता है। अगर आप किसी मंत्र को 2 दिन या 4 दिन कर के प्रभाव ढूंढने का प्रयत्न करेंगे तो निश्चय ही आपको किसी भी प्रकार का शुभ परिणाम देखने को नहीं मिलेगा।

जैसा कि मैंने आपको बताया मंत्र सिद्धि के बाद ही पूर्णतः फल प्राप्त होते हैं। आपके सभी प्रकार के कष्टों का निवारण शनिदेव के पास होता है क्योंकि यह दुख के कारक हैं। अगर आपने इनके अनुसार अपने जीवन को नहीं चलाया तो यह अपने अनुसार आपके जीवन को चलाते हैं जिसमें आपको अत्यधिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।

अगर आपने शनि ग्रह के मंत्र सिद्ध कर लिए तो फिर आपको अनेक प्रकार के शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। आप अगर शनि देव के मंत्र का जाप जिंदगी भर करेंगे तो भी इसमें कोई बुराई नहीं है।

शनिदेव को प्रसन्न करने के कुछ अचूक उपाय

निश्चित तौर पर ही मंत्र सिद्धि करके आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं लेकिन मैं आपको कुछ सरल और अचूक उपाय बताने वाला हूं जिनके उपयोग से आप शनिदेव को बड़ी ही सरलता से प्रसन्न कर सकते हैं।

1. अक्सर ही मंदिर में मंदिर के आसपास पीपल के पेड़ होते हैं। अगर आपके घर के पास कोई ऐसा पेड़ हो तो उसके समक्ष तिल के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। ऐसा करने से शनिदेव आपके ऊपर अत्यंत प्रसन्न हो जाएंगे और आपको सभी प्रकार के सुख सुविधाओं को प्रदान करेंगे।

अगर आप दीपक जलाते हैं तो ध्यान रखें कि यह दीपक सूर्यास्त के बाद ही जलाएं जिससे आपको इसके पूर्ण लाभ हो सके। अगर मंदिर में पीपल का पेड़ नहीं है तो फिर आप किसी ऐसे पीपल के पेड़ को ढूंढें जो सुनसान जगह पर हो और वहां पर जाकर तिल के तेल का दीपक जलाएं।

2. अगर घर के आसपास किसी मंदिर में शनि देव की मूर्ति स्थापित हो तो आप वहां पर जाकर उनको नीले पुष्प अर्पण कर सकते हैं। यहां पर ध्यान रखने योग्य बात यह है शनिदेव की पूजा कभी भी उनके नजर के सामने से नहीं करनी चाहिए।

हमारे शास्त्रों में ऐसा कथन है कि शनि देव की दृष्टि जहां भी पड़ती है वह उस स्थान का नाश कर देते हैं इसलिए उनकी पूजा करते वक्त आपको इसका ध्यान रखना है कि उनकी दृष्टि आपके ऊपर ना पड़े।

3. शनि गरीबी और बुढ़ापा का कारक है। अगर आप किसी गरीब व्यक्ति से या किसी बुजुर्ग से मिलते हैं जो असहाय है तो उसकी सेवा अवश्य करें। जो भी व्यक्ति ऐसा करता है उसके ऊपर शनिदेव अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं और उसे अनेक प्रकार के शुभ फल देते हैं।

4. शनि ग्रह को अनुशासन बहुत पसंद होता है इसलिए अगर आपकी शनि की दशा चल रही है या फिर आप शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित हैं तो आपको अपने दिनचर्या को अनुशासन में रखना चाहिए जिससे आप शनिदेव के बुरे प्रभावों से बच सकें।

इनकी दशा और साढ़ेसाती के समय आपको नित्य प्रतिदिन किसी गरीब या दिन व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए। अगर आप प्रतिदिन ऐसा नहीं कर सकते तो कम से कम हफ्ते में एक बार किसी गरीब की सेवा अवश्य करें।