सप्तम भाव में शनि के उपाय | Saptam Bhav Me Shani Ke Upay

हमारे समाज में शनि ग्रह के बारे में अनेक भ्रांतियां फैली हुई हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि सभी प्रांतीय गलत है या सही लेकिन जिन व्यक्तियों के सप्तम भाव में शनि रहते हैं उनको सदैव डर लगा रहता है कि उनका विवाह होगा या नहीं और अगर हो भी गया तो क्या वह लंबे समय तक टिक सकेगा।

दोस्तों सप्तम भाव आपका विवाह, दांपत्य सुख तथा व्यवसाय का होता है। अगर यहां पर शनि बैठे तो वह व्यक्ति के विवाह में अत्यंत देरी करा देते हैं। अगर सातवें भाव में और पापक ग्रह जैसे मंगल, राहु, केतु का संबंध हो तो व्यक्ति का विवाह बहुत देर बाद होता है।

आज मैं आपको बताऊंगा कि अगर आपकी कुंडली के सप्तम भाव में शनि है तो आप उसके क्या उपाय कर सकते हैं जिससे आपका जीवन अत्यंत सरल हो जाए इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

सप्तम भाव में शनि के उपाय | Saptam Bhav Me Shani Ke Upay

सप्तम भाव विवाह और दांपत्य जीवन को दर्शाता है इसलिए अगर शनि जैसा दुख कारक ग्रह सप्तम भाव में पीड़ित होकर बैठ जाए तो यह आपके दांपत्य जीवन को नर्क बना सकता है। अगर सप्तम भाव में दूसरे दुष्प्रभाव भी हो तो आपको अपने जीवनसाथी से अलग भी होना पड़ सकता है।

शनि देरी का भी कारक है इसलिए अगर सप्तम भाव में बैठे तो व्यक्ति के विवाह में देरी करा देता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवनसाथी की उम्र उससे बड़ी रहती है।

आज मैं आपको सप्तम भाव में शनि के कुछ ऐसे उपाय बताता हूं जिससे आपका जीवन बहुत ही सरल हो सकता है लेकिन आपको हमारे द्वारा बताए गए उपायों को करना होगा।

1. जीवन साथी से वफादार रहें

अगर आपकी कुंडली के साथ में घर में शनि विराजमान है तो आपको अपने जीवन साथी के साथ वफादारी निभानी चाहिए अन्यथा या शनि कभी भी आपको चैन से नहीं रहने देंगे। ऐसी परिस्थिति में आपको अपने जीवनसाथी की सलाह लेनी चाहिए और उनसे झूठ नहीं बोलना चाहिए।

2. हनुमान जी की आराधना करें

अगर आप सच्चे मन से हनुमानजी की आराधना करते हैं तो आपके जीवन में शनि के दुष्प्रभावों में कमी आएगी साथ ही साथ आपका भाग्य आपका साथ देने लगेगा। अगर संभव हो तो आप प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। आपको अगर व्यवसाय में हानि हो रही है तो भी हनुमान जी की आराधना आप की हानि को लाभ में बदल सकती है।

3. 22 की उम्र से पहले विवाह ना करें

शनिदेव विलंब के कारक हैं इसलिए अगर वह सप्तम में बैठ जाए तो व्यक्ति के विवाह में देरी कर आते हैं। अगर आपकी कुंडली के सप्तम भाव में शनि है तो आपको विवाह के लिए बहुत जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए। आपको इतना ध्यान रखना चाहिए कि आप 22 की उम्र से पहले विवाह ना करें।

4. शनि की चीजों का दान करें

शनि की चीजें जैसे काला कपड़ा, जूते, चप्पल आप किसी गरीब या बुजुर्ग आदमी को दान करें जिससे आपके शनि आपके ऊपर प्रसन्न हो जाएं और बुरे परिणामों के बदले आपको शुभ परिणाम देने लगे।

5. कौवे को या भैंसों को भोजन कराएं

अगर आप अपने साथ में शनि के दुष्प्रभावों से परेशान हैं तो आपको शनिवार के दिन कौवे को या भैसों को भोजन करा सकते हैं। यह आपके जीवन से शनि के सभी दुष्प्रभावों को कम कर देगा साथ ही साथ आपके जीवन में सुख समृद्धि भी आएगी।

6. शनि का मंत्र जाप करना चाहिए

अगर आपकी कुंडली के सप्तम भाव में शनि बुरे परिणाम दे रहे हैं तो आपको शनि का मंत्र “ओम शं शनैश्चराय नमः” का प्रतिदिन एक माला जाप करना चाहिए। अगर आप प्रतिदिन नहीं कर सकते तो कम से कम शनिवार के दिन निश्चित ही जाप करें।

अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी तो आप इससे अपनी जान पहचान वालों के साथ साझा कर सकते हैं ताकि वह भी इसे पढ़कर इससे लाभ ले सकें।