मंदिर किस दिशा में होना चाहिए? (पूरी जानकारी)

मंदिर सकारात्मक ऊर्जा का कारक होता है. जब कभी भी हम मंदिर में जा कर पूजा करते हैं तो हमारे मन को शांति मिलती है. अब अगर आप का मंदिर सही दिशा में नहीं होगा तो आपको पूजा पाठ करने के बावजूद शांति नहीं मिलेगी. आपके अंदर लगातार नकारात्मक विचार आते रहेंगे.

आज मैं आपको बताऊंगा कि हमें मंदिर कौन से दिशा में बनाना चाहिए और वहां पर बनाने के कारण क्या हैं. इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें.

मंदिर किस दिशा में होना चाहिए?

उत्तर दिशा और पूर्व दिशा के मध्य में बनने वाला कौन मंदिर बनाने के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ होता है जिसको ईशान कोण कहते हैं. ईशान कोण का अर्थ होता है ईश्वर का कोना यानी वह कोना जहां पर स्वयं भगवान निवास करते हैं. ईशान कोण देव गुरु के साथ साथ भगवान ब्रह्मा, विष्णु का भी कोण है.

मंदिर किस दिशा में होना चाहिए
मंदिर किस दिशा में होना चाहिए

हम कभी भी मंदिर बनवाने की सोचते हैं या अपने घर में पूजा स्थान बनाते हैं तो हमें ईशान कोण में बनाना चाहिए. यह कोण पूरे घर का सबसे श्रेष्ठ कोण माना गया है. इस कोण में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों निवास करते हैं.

ईशान कोण को हमें हमेशा साफ रखना चाहिए क्योंकि यहां पर देवता निवास करते हैं. अगर हम घर पर ईशान में मंदिर बनाते हैं तो हमें उस स्थान पर हल्के रंगों का स्तेमाल करना चाहिए जिसमें से सबसे बेहतर रंग है हल्का पीला. यह रंग देव गुरु का रंग है.

इस रंग को ईशान कोण की दीवार पर लगाने से घर के बच्चों की पढ़ाई लिखाई सुधरती है. घर के मालिक की इच्छा शक्ति और डिसीजन लेने की क्षमता बढ़ती है.

मंदिर का सही दिशा में ना होने के नुकसान

हमें मंदिर को हमेशा सही दिशा में बनाना चाहिए नहीं तो हमारी जिंदगी में बहुत प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं. कुछ लोग मंदिर बनाते समय ध्यान नहीं देते और मंदिर को आग्नेय कोण में बनवा देते हैं पर ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए.

वास्तु शास्त्र में आग्नेय कोण रसोई घर बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है क्योंकि उस कोण के अधिपति अग्निदेव होते हैं. आग्नेय कोण में मंदिर बनाते हैं तो इसका अर्थ यह होता है, कि हमने अपने गुरु और देवताओं को अग्नि पर रख दिया है.

जिससे हमारे मानसिक संतुलन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. घर के सदस्य बहुत ही ज्यादा गुस्सैल और बिना बात लड़ने वाले हो जाते हैं.

कुछ लोग मंदिर बनाते समय ध्यान नहीं देते और मंदिर को बाथरूम के अगल-बगल बनवा देते हैं. बाथरूम के अगल बगल बने मंदिर कभी भी शुभ नहीं माने जाते.अगर आपके घर में मंदिर बाथरूम के अगल बगल है तो तुरंत उसका इस्तेमाल बंद कर दें.

हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट करके बताना ना भूलें.