कन्या के शीघ्र विवाह के लिए उपाय (पूरी जानकारी)

कई बार ऐसा देखने में आता है की कन्याओं के विवाह में देरी होती है। इसके कारण अनेक हो सकते हैं। कई बार कन्या के अनुसार वर नहीं मिल पाता और मिल भी गया तो उनका समाज, परिवार, गुण अवगुण, नौकरी पेशा पसंद नहीं आता।

कन्या के शीघ्र विवाह के लिए उपाय
कन्या के शीघ्र विवाह के लिए उपाय

आज मैं आपको कुछ ऐसे उपाय बताऊंगा जिनको करने से घर में बैठी कुमारी कन्याओं का विवाह शीघ्र ही हो जाएगा इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

कन्या के शीघ्र विवाह के लिए उपाय | Kanya Ke Vivah Ke Upay

1. शीघ्र विवाह के लिए कन्या को बृहस्पतिवार का व्रत रखना चाहिए और हर गुरुवार के दिन केले का पूजन करना चाहिए। यह अत्यंत प्रभावशाली उपाय है।

2. किसी भी कन्या के विवाह को शीघ्र कराने के लिए उसे भगवान शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए। सोलह सोमवार के व्रत रखने चाहिए।

3. जिस भी कन्या के विवाह में देरी हो रही है उसे विवाह की बातचीत के दौरान नए वस्त्र पहनाएं।

4. यदि कन्या के विवाह में देरी हो रही है और अच्छा परिवार नहीं मिल रहा है तो कन्या को गुरुवार के दिन पीले वस्त्र और शुक्रवार को सफेद कपड़े पहनने चाहिए। इसे आप को नियमित रूप से 4 सप्ताह तक करना चाहिए। अगर संभव हो तो हर सप्ताह नए कपड़े पहनने का प्रयत्न करें।

5. जब माता-पिता दूल्हे के घर शादी के बात करने जाते हैं तो लड़की को अपने बाल खुले रख कर जाना चाहिए ना कि उन्हें बांधना चाहिए।

6. विवाह योग्य लड़के लड़कियों को जब भी कभी किसी शादी समारोह में सम्मिलित होने का मौका मिले तो उन्हें दूल्हे दुल्हन के लिए बनाई गई मेहंदी को अपने हाथों पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें मनवांछित जीवनसाथी प्राप्त होते हैं।

7. प्रत्येक सोमवार के दिन कन्या को शिव पार्वती की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करनी चाहिए और कम से कम एक माला इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र पूर्ण होने के बाद उसे शीघ्र विवाह का वर भी मांगना चाहिए।

“ऊँ नमः मनोभिलासितं वरं देहि वरं ही ऊँ गोरी पार्वती देवायै नमः”

8. विवाह योग्य कन्याओं को शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर 108 फूल चढ़ाकर ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा करने से आपका विवाह शीघ्र ही हो जाएगा।

9. मां पार्वती को प्रत्येक दिन सिंदूर चढ़ाना चाहिए। सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है।

आखिर क्यों होती है विवाह में देरी

विवाह में देरी होने की अनेक कारण होते हैं जैसे कन्या का मांगलिक होना या फिर कन्या की कुंडली के सप्तम भाव में राहु केतु या शनि जैसे क्रूर ग्रहों का विराजमान हो ना। आइए इन सभी पर एक-एक करके चर्चा करते हैं।

मांगलिक कन्या

कुंडली में जब कभी मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में होता है तो कन्या को मांगलिक कहा जाता है। आमतौर पर इस योग के कारण कन्या के विवाह में विलंब होता है और विवाह के पश्चात पति-पत्नी के मध्य कलह भी हो जाती है। इसका प्रभाव जीवन साथी के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।

अगर आप मांगलिक हैं और आपके विवाह में देरी हो रही है तो आपको मंगल के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

शनि का सप्तम भाव में होना

शनि के सप्तम भाव में होने से विवाह में देरी होती है। अगर आपके सप्तम भाव में शनि है और आपका विवाह होने में देर हो रही है तो आपको इस मंत्र का जाप 46000 बार करना चाहिए और शमी की लकड़ी, मक्खन, शहद और मिश्री से हवन करना चाहिए।

 “ऊँ शं शनिश्चराय नमः”

राहु का सप्तम भाव में होना

अक्सर देखा जाता है कि राहु के सप्तम भाव में होने से कन्या के विवाह में देरी होती है। अगर अन्य दूसरे ग्रह साथ ना दें तो ऐसी कन्याओं का विवाह 34 वें वर्ष में होता है।

अगर आप चाहते हैं कि आपका विवाह शीघ्र हो जाए तो आपको राहु के मंत्रों का जप करना चाहिए और दुर्वा, घृत और मिश्री से हवन करना चाहिए।

“ऊँ रां राहवे नमः”

केतु का सप्तम भाव में होना

जिस प्रकार राहु सप्तम भाव में होने से विवाह में देरी कर आता है उसी प्रकार केतू भी सप्तम भाव में होने से विवाह में देरी कर आता है।

अगर आप चाहते हैं कि आपका विवाह शीघ्र हो जाए तो आपको केतु के मंत्रों का जाप करना चाहिए और कुश, घृत, शहद और मिश्री से हवन करना चाहिए।

” ऊँ कें केतवे नम: “

सामान्य तौर पर इन्हीं ग्रहों के कारण से विवाह में देरी होती है। अगर आपकी कुंडली में से ग्रह हैं तो आपको ऊपर दिए गए उपाय करने चाहिए।

अगर आपकी कुंडली में ये ग्रह नहीं है तो फिर आप अपनी कुंडली को किसी ज्योतिष को दिखा सकते हैं और उनसे राय ले सकते हैं।

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