दुकान में मंदिर किस दिशा में होना चाहिए? (पूरी जानकारी)

आजकल के समय में बहुत सारे लोग दुकान खोलकर अपनी आजीविका चलाते हैं. हर इंसान का यह प्रयास रहता है कि उनकी दुकान बहुत अच्छी चले, और ज्यादातर ग्राहक उनकी दुकान से सामान लेकर जाएं.

क्या आपको मालूम है की आप अपने दुकान में मंदिर को यदि किसी गलत दिशा में रख देते हैं तो इससे आपका बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है. आपको कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

दुकान में मंदिर के सही दिशा में होने से व्यवसाय बहुत अच्छा चलता है. भगवान की कृपा हम पर बनी रहती है और मां लक्ष्मी जी भी प्रसन्न रहती है.

आज मैं इस आर्टिकल में आपको बताऊंगा की दुकान में मंदिर किस दिशा में होना चाहिए? इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें.

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दुकान में मंदिर किस दिशा में होना चाहिए?

दुकान में मंदिर बनाने के लिए ईशान दिशा को सर्वोत्तम माना गया है. वास्तु शास्त्र में ईशान दिशा को देवी देवताओं को रखकर उनकी पूजा-अर्चना करने के लिए उत्तम स्थान माना गया है.

दुकान में मंदिर किस दिशा में होना चाहिए
दुकान में मंदिर किस दिशा में होना चाहिए

ईशान दिशा उत्तर और पूर्व दिशा के मध्य में बनने वाला कोण है. ईशान कोण को देव गुरु बृहस्पति का स्थान माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार ईशान नाम ईश्वर के नाम से ही रखा गया है क्योंकि ये ईश्वर की दिशा है.

ईशान कोण का अच्छे से पता करने के लिए आप एक फीते से पूर्व दिशा की दीवार को नाप लीजिए. नापने के बाद उसे 5 से भाग दे दीजिए. जो उत्तर आएगा उतने ही फुट तक आपका ईशान कोण होगा.

मान लीजिए आप के पूर्व दिशा की दीवार का माप आता है 10 फुट. 10 फुट को 5 से भाग देने पर आपका उत्तर आता है 2. यानी कि उत्तर-पूर्व के कोने से 2 फुट पूर्व की तरफ तक हमारा ईशान कोण है. इसी 2 फुट मैं हमें हमारे देवी देवताओं को रखना चाहिए.

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दुकान में मंदिर बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

1. दुकान के मंदिर में गणेश भगवान की बैठी मुद्रा में एक मूर्ति अवश्य रखें और नित्य प्रतिदिन उस मूर्ति की पूजा करें. गणेश भगवान की पेटी मुद्रा में पूजा करने से व्यापार में अनेक प्रकार के लाभ होते हैं.

2. दुकान में भगवान की कोई कटी फटी तस्वीर रख कर पूजा नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने वाले के व्यवसाय में हानि होती है. उसे बहुत बुरे दिन देखने पड़ सकते हैं. दुकान के मंदिर में भगवान की कोई खंडित मूर्ति भी नहीं रखनी चाहिए.

3. दुकान के मंदिर को जमीन से 4 फुट ऊंचा बनाना अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है. ऐसा करने वाले व्यापारी को व्यापार में अनेक प्रकार के लाभ होते हैं.

4. दुकान के मंदिर में भगवान की कोई भी ऐसी फोटो ना रखें जिसमें वह बहुत ही क्रोध में या किसी का वध कर रहे हों. भगवान की अक्सर वही तस्वीरें रखनी चाहिए जिसमें वह आशीर्वाद देने कि मुद्रा में हों.

5. दुकान के मंदिर में रखे भगवान की पूजा हमें सुबह और शाम दोनो समय करनी चाहिए. ऐसा करने वाले व्यक्ति के धंधे में हमेशा उन्नति होती है. वह व्यक्ति कभी भी दुकान से निराश होकर घर वापस नहीं लौटता.

दुकान के मंदिर में सुबह तो आपको भगवान की विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना करनी चाहिए. पर शाम को भगवान को एक दीपक जलाकर उनसे आशीर्वाद लेना  चाहिए.

6. दुकान के ईशान कोण में यानी जहां पर आप का मंदिर स्थापित है उस जगह पर सफाई रखनी चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण को हल्का रखना चाहिए इसलिए आप अपनी दुकान के ईशान कोण में मंदिर के नीचे और मंदिर के ऊपर वही सामान रखें जो हल्के हो.

ऐसा कई बार देखा जाता है कि लोग ईशान कोण की महत्ता को नहीं समझते और सारे भारी सामान ले जाकर ईशान कोण में ही रख देते हैं. शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना बिल्कुल ही गलत होता है.

ईशान कोण एक शुद्ध कोण है. इस कोण में वास्तु पुरुष का सिर स्थापित होता है. अगर आप वास्तु पुरुष के सिर पर बहुत भारी सामान रख दोगे तो आपका दिमाग भारी रहने लगेगा.

व्यापार से आपका मन उबने लगेगा. आपको ऐसा प्रतीत होगा कि यह धंधा अच्छा नहीं चल रहा है इसलिए मुझे कोई दूसरा धंधा करना चाहिए.

ऐसा कोई कदम उठाने से पहले अपने ईशान कोण को एक बार अवश्य जांच लें. कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके ईशान कोण में बहुत भारी सामान रखें हों जिस कारण आपका मन विचलित हो रहा हो.

आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके बताना ना भूलें.

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