भाग्य को मजबूत करने के उपाय (छः उपाय)

आजकल के समय में भाग्यवान होना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हर दिशा में भरपूर मात्रा में प्रतिस्पर्धा छिड़ी हुई है। अब अगर किसी प्रतियोगिता में आपको नंबर एक स्थान पाना है तो अवश्य ही आपको भाग्यवान होना पड़ेगा।

प्रतियोगिताओं में सफल ऐसे व्यक्ति कम ही होते हैं जिन्होंने जी जान लगाकर मेहनत की होती है बल्कि उन व्यक्तियों की संख्या ज्यादा होती है जिनका भाग्य उनके साथ में होता है। अगर आपका भाग्य आपका साथ ना दे तो भले ही आपकी मेहनत किसी ऊंचे पदवी के लिए हो लेकिन आप कोई छोटा पद प्राप्त करके ही रह जाते हैं।

अक्सर कई सारे लोग पूछते हैं कि आखिर ऐसा कौन सा उपाय करके हम अपने भाग्य को अपने पक्ष में कर सकते हैं। कुछ लोग यह भी पूछते हैं कि उनके पास उनकी जन्मपत्रिका नहीं है तो वह कैसे अपने भाग्य को मजबूत कर सकते हैं।

आज मैं आपको दोनों ही माध्यम से बताऊंगा कि आप कैसे अपने भाग्य को मजबूत करके अपने जीवन में उन्नति पा सकते हैं। एक बात का सर्वदा ध्यान रखें कभी भी सिर्फ भाग्य पर निर्भर ना रहें क्योंकि वह हमारे कर्मों पर निर्भर करता है इसलिए हमें अपने कर्मों को सही दिशा में करना चाहिए और भरपूर मात्रा में मेहनत करनी चाहिए।

भाग्य को मजबूत करने के उपाय

अगर आपके पास आपकी जन्म पत्रिका नहीं है तो आप मेरे द्वारा बताए गए नीचे उपायों को करके अपने भाग्य को मजबूत कर सकते हैं जिससे आप अपने जीवन में ऊंची पदवी हासिल कर सकें।

1. आराधना करें

अगर आप विद्यार्थी हैं या किसी ऑफिस में कार्य करते हैं तो निश्चित ही आपको उस देवी देवता की आराधना करनी चाहिए जिसको आप मानते हों या अगर आपके कोई कुल देवी या देवता हैं तो उनकी पूजा करें। ऐसा करने से आपको आपके भाग्य का साथ अवश्य मिलेगा।

मैं यह नहीं कहता कि आप 1 घंटे या 2 घंटे पूजा-पाठ करिए बल्कि अपने व्यस्त पूर्ण जीवन में से कम से कम 10 से 20 मिनट निकालिए और उसी समय आराधना करिए। इस बात का ध्यान रखें की पूजा पाठ करते समय आपका मन सभी प्रकार से लोभ मुक्त हो। 

2. पिता का सम्मान करें

हम सभी का भाग्य हमारे पिता से ही आता है। किसी भी नए जन्मे बच्चे का पिता अगर अमीर है तो उस बच्चे को सभी जरूरत की चीजें बड़ी आसानी से उपलब्ध होती हैं वहीं अगर कोई गरीब घर में बच्चा जन्म ले तो वह चीजें जो अमीर घर के बच्चे को आसानी से उपलब्ध होंगी इसको नहीं मिल पाएंगी या बड़ी मुश्किल से मिल पाएंगी।

इसका यह तात्पर्य निकलता है कि जन्म के समय हमारे पिता ही हमारे भाग्य का काम करते हैं इसलिए हमें आजीवन पिता का सम्मान करना चाहिए ताकि हम अपने भाग्य का पूर्ण तरीके से लाभ ले सकें। इसका अर्थ यह नहीं कि आप अपनी माता का सम्मान ना करें सिर्फ पिता ही पिता का करें।

माता हमारे जीवन में हमारे मानसिक सुख को बरकरार रखती है। कोई भी व्यक्ति अगर अपनी माता का अपमान करता है तो कभी भी जीवन में उसे मानसिक सुख प्राप्त नहीं होता। वह हमेशा चिंतित और दुखी ही जीवन व्यतीत करता है इसलिए हमेशा माता और पिता का सम्मान करना चाहिए।

3. गुरु की सेवा करें

अगर आप के कुल का कोई गुरु है तो अवश्य ही आप उनकी सेवा किया करें या फिर आप अपने शिक्षक या उनसे जिनसे आप सीखते हैं उनकी सेवा करें इससे आपको अनेक प्रकार के लाभ होंगे तथा आपका भाग्य आपके साथ हो जाएगा जिससे जीवन में आप सभी प्रकार की बुलंदियों को पा लेंगे।

4. धार्मिक रहें

अगर आपका भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है तो आपको अपने धर्म से जुड़ाव रखना चाहिए। अगर आप हिंदू है तो आपको हिंदू धर्म का पालन करना चाहिए और उसके सभी शुभ गुणों को अपनाना चाहिए यहां किसी अन्य धर्म से हैं तो आपको अपने धर्म से संबंधित जुड़ाव रखना चाहिए।

5. दान करें

भाग्य को मजबूत करने का सबसे सरल और सबसे सटीक उपाय है दान करना। आप अपनी इच्छा अनुसार किसी जरूरतमंद को कुछ ना कुछ दान करिए। रास्ते में अगर कोई गरीब आप से मदद मांगे तो उसकी सहायता अवश्य करें।

हां यह निर्णय आपको लेना होगा कि मैं जिसकी मदद कर रहा हूं वह सही में मदद के लायक हैं या फिर आप का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।

6. धार्मिक यात्राएं करें

अगर आप 6 महीने में या साल भर में समय निकाल लेते हैं तो आपको किसी भी धार्मिक स्थल पर जाना चाहिए और वहां दर्शन करना चाहिए। इससे आपका भाग्य मजबूत होगा और अवश्य ही आपका साथ देगा।

कई बार लोग सोचते हैं कि अभी मैं जवान हूं मेरी धार्मिक यात्राएं करने की उम्र नहीं है लेकिन ऐसी धारणा रखना बहुत अच्छी बात नहीं है खास करके तब जब आपका भाग्य आपका साथ ना दे रहा हो।

अगर आपके पास आपकी कुंडली है तो आप उस कुंडली को उठाकर देख सकते हैं कि उसके नवम भाव में कौन सा नंबर लिखा हुआ है यानी कौन सी राशि है और उस संबंधित आपको अपने देवी देवता चुनकर उनकी पूजा आराधना करनी चाहिए।

अगर आपकी कुंडली के नवम भाव में नीचे दिए गए निम्नलिखित नंबर लिखे हैं तो आप मेरे द्वारा बताए गए देवी देवता चुनकर उनकी पूजा कर सकते हैं।

  • अगर एक नंबर लिखा है तो आपको हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
  • अगर दो नंबर लिखा हो तो आपको माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
  • अगर तीन नंबर लिखा हो तो आपको भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
  • अगर चार नंबर लिखा हो तो आपको भगवान कृष्ण का भगवान शिव शंकर की पूजा करनी चाहिए।
  • अगर पांच नंबर लिखा हो तो आप को सूर्य या भगवान राम की आराधना करनी चाहिए।
  • अगर छः नंबर लिखा हो तो आपको भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए।
  • अगर सात नंबर लिखा हो तो आपको लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए।
  • अगर आठ नंबर लिखा है तो आपको हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
  • अगर नौ नंबर लिखा हो तो आपको शिव या बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए।
  • अगर दस नंबर लिखा हो तो आपको शिव या हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
  • अगर ग्यारह नंबर लिखा हो तो आपको शिव या हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
  • अगर बारह नंबर लिखा हो तो आपको शिव या बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए।

अगर आप कोई जानकारी अच्छी लगी हो तो किसी जरूरतमंद तक इसको शेयर जरूर करें।